مطلع البيت |
القافية |
الصفحة |
سأبدؤهم بمشمعة |
بساط |
٣٥٣٦ |
ووجهٍ قد |
حَطاطِ |
١٢٦٥ |
وذلك يقتل |
العَطَاط |
٤٢٨٩ |
أطلتُ قتالهم |
قطاطِ |
٥٣١٩ |
يلحن من ذي |
شُمْطاط |
٣٤٣٤ |
أحب الكرائن |
بالسَّنجلاطِ |
٣٩٩٦ |
وبلدةٍ بعيدة |
الوطواط |
٧٠٣٧ |
وصفراء البُراية |
اللِّياط |
٤٣٥٥ |
كأني إذْ |
النياط |
٥٥٤٥ |
كأنَّ وَعَى |
هياطِ |
٧٢١٦ |
وما أنا والسيرَ |
الضابطِ |
٧٣٢١ |
كأن تحت |
بشطّ |
٣٣١٨ ، ٤٣١٩ |
أتاك من |
عَنْشَط |
٤٧٨٨ |
لن تنفع |
الثَّطَطُ |
٨٠٧ |
إذا بلغوا |
الذَّاعِطِ |
٢٢٦٩ ، ٦٩٨٢ |
مازلت أسعى |
قط |
٥٩٩٧ |
طبيخُ نُحازٍ |
أملطُ |
٥٤٩٦ |
يشر بن ماءَ |
المسيط |
٦٢٩٦ |
ماذا تُرَجِّينَ |
سفيطِ |
٢٣٤ |
ماذا تُرجين |
ولا سفيط |
٣١٠٣ |
حرف الظاء
أخو ثقة |
بالعظاظ |
٤٢٩٤ |
يَوَدُّ الفتى |
باهِظُ |
٢٧١ |
حرف العين
لقد الَيْتُ |
الرِّبَاع |
١٠١٣ |
وماء آجِنِ |
السباع |
٤٦٨٦ |