مطلع البيت |
القافية |
الصفحة |
درة من |
اللآل |
٤٦٦٣ |
ما يقسم الله |
البال |
٦٩٨ |
وكعباً قد ... |
الجبال |
٣٤٧٦ |
إذا ما الضَّجيعُ |
مِجْبالِ |
٩٧٨ |
وما بُقْيَا عليَّ |
النِّبَالِ |
٣٧٢٩ |
وليس بذي |
بِنبّال |
٦٤٦٢ |
ومهور نِسْوَتهم |
تنبال |
٤٠٨ ، ٤٩١٢ ، ٦٨٥٧ |
تَرْوَى على |
ولا تالٍ |
٣٧٠٤ |
ثقيفٌ شرُّ |
القتال |
٦٨٧٧ |
كعقر الهاجري |
مثال |
٤٦٤١ |
دلفت له |
الرجال |
٤٧٧٧ |
وله المرخُ |
الرجالِ |
٣٨١٢ |
فمالك والترددَ |
بالرجالِ |
٧٣٢١ |
فمالك والتلدّدَ |
بالرجال |
٥٩٧٨ |
يغضُّ ويغضِفن |
وانسجال |
٤٩٦٤ |
وأبي الذي |
المنجال |
١٢٢٦ |
هو دانَ الربابَ |
وارتحال |
٢٢١٥ |
أو أصْحَم |
بالدِّحالِ |
٣٦٧٥ |
أوَ اصحم حَامٍ |
بالدَّحالِ |
٠٧٤ ، ١٤٢٦ ، ١٦٤٧ |
فكونوا أنتم |
الطحالِ |
٧٣٢٠ |
فرع نبع |
المِحالِ |
٦٢٣٥ |
وتُرْمدُّ هملجةٌ |
المَحال |
٢٧٣٦ |
وقد أقودُ |
أو خَالْ |
١٧٥٣ |
أَمْ مَنْ لقومٍ |
دلدالِ |
٢٠٠٠ |
يدعو الهديلُ |
هدال |
٦٨٩١ |
من كُلِّ مُشْتَرِفٍ |
الأجرال |
١٠٤٥ |
تخطف خِزان |
أورال |
١٦٦٩ |
تخرج الشيخ |
المعزال |
٤٥١٣ |