مطلع البيت |
القافية |
الصفحة |
هم ركبوا |
لجام |
٦٠٠٧ |
وكلّ مُقَدَّمٍ |
اللِّجَامُ |
٢٦١ |
ونظرْنَ حين |
لجامِ |
٥٨٩٦ |
ترك الأحبَّةَ |
ولجامِ |
٤١٥٦ |
رأيتكمُ بني |
اللِّحامُ |
٣٩٣٠ |
بوجهٍ واضح |
السُّخام |
٣٠١٨ |
فتبحَثُ الحقوقُ |
السِّدامِ |
٣٠٣٠ |
إنا لنضرب |
القُدّام |
٥٣٩٧ ، ٦٧٢٤ |
ثم أنثنيتُ |
الإقدامِ |
٥٤٠٧ |
إذا فُضَّت |
المدام |
٥٦٢٤ |
ولقد نحلّ بها |
بمدامِ |
٦١٨٦ |
سيملك بعدنا |
ذامِ |
٥٤٢٢ |
كل مشكُوكٍ |
جُذَامِ |
٢٣٢٦ |
ونادى ابن |
جُذام |
٥٨٨٠ |
إذا قالت حَذَام |
حَذامِ |
١٣٧٤ |
لم يقبلوا الحقَّ |
يُذْأَمِ |
٢٣٢٦ |
فإن يَهْلِكْ |
الحرامُ |
٢٢٩٨ |
وكيف ترجيها |
حرام |
٣٨٨٨ |
ويظهر بعدهم |
الحرامِ |
٥٤٢٢ |
بكل عِذار |
الخرام |
٦٤٦١ |
ألا أبلغ |
صُرَامُ |
٣٧١٩ |
أرى تحت |
ضرامُ |
٣٩٥٠ |
فَنَبِّبت أن |
عَرامْ |
٣٨٢٢ |
فكيف إذا |
كرامِ |
٥٩٣٠ |
خليلٌ لم |
للكرام |
٣٦٣٧ |
عليَّ أليَّةٌ |
مرام |
٤٣٦٣ |
وكائن بالطويِّ |
الجسام |
٤١٨٤ |
ولكن صُمُلٌّ |
حُسامْ |
٣٨٢٢ |