مطلع البيت |
القافية |
الصفحة |
كل ما يأتي |
لا يرجع |
٦١٩٠ |
فركبناها على |
شجع |
٣٣٨٨ |
أيفايشون وقد |
الأشجعُ |
٥١١ ، ٣٣٨٢ ، ٥٢٩٧ |
فَأَبَدَّهُنَّ حتوفَهُنَّ |
مُتَجَعْجِعُ |
٩٧١ ، ٢٢٩٤ |
إن تبق |
أفجعُ |
٥١٠٥ |
فلئن بهم |
لمفجِّع |
٥١٠٦ |
أَقَارِعُ عَوْفٍ |
تُجَادِعُ |
١٠٢٣ ، ٢٠٥٣ |
مباشيم عن غب |
الضفادع |
١٧٨٦ ، ٤٦٢٣ |
يَخدي بها بازلٌ |
مرتدعُ |
٢٠٢٠ ، ٢٤٨١ |
المنذر بنُ |
الأجْدَعُ |
١٠١٠ |
أبيضُ اللونِ |
خَدَعْ |
١٧٣٨ |
فتنازلا وتوافقت |
مَخدَّعُ |
١٧٤٠ |
أقود وطفاءَ |
صَدَع |
٢٨٣٣ |
وكأَنهنَّ ربابةٌ |
ويَصدَعُ |
٢٣٤٧ ، ٣٧٠٣ |
كمْ فيهمُ |
فدعُ |
٥٤٠٦ |
ضَافي السَّبِيبِ .... |
ما يُقْدَعُ |
١٥٤ |
فإذا اصطنعْتَ |
أودَع |
٣٨٤١ |
فَنَحا لها |
أَيْدَعُ |
٢٢٩١ ، ٧٣٤٦ |
إذا سُهيلُ |
جَذَعْ |
١٢٥٥ |
يا بِشْرُ لو لم أكُنْ |
الجَذَعُ |
١٠٢٨ |
كفرتَ الذي |
ضارعُ |
٣٩٥٦ |
تُبكي على إثرِ |
الرَّعارعُ |
٢٣٥٢ |
أرقت لتوماضِ |
وفارع |
٣١٤٩ |
لعمري وما |
الأقارع |
٤٧٤٩ |
لعمري وما عمري |
الأقارع |
٥٥٤ ، ٢٠٥٣ |
وتسقي إذا |
كارعُ |
٨٧٢ ، ٣٧٣٢ ، ٥٨١٣ |
زنيمٌ تداعتْهُ |
الأكارعُ |
٢٨٥٠ |
ردوا أوائلها |
الأجرع |
٤٦٩٠ |