مطلع البيت |
القافية |
الصفحة |
وبيت على ظهر |
يرعف |
٦٧١ |
إني على الودِّ |
سَعفُ |
٣٠٨٠ |
وملحاء من حيدانَ |
تُضعف |
١٦٤٧ ، ٦٣٨٤ |
برزنا وأصحرنا |
المتضعف |
٤٩٨ ، ٣٦٨١ |
ونحن شككنا |
نُضَعِّفُ |
٣٣٤٢ |
وجاء قريع |
زُفَّفُ |
٥٤٤٠ |
فما سادنا قوم |
المُثَقَّفُ |
٨٦٣ ، ٣٢٧٢ ، ٣٣٨٦ |
طباقاء لم |
تُعْكَفُ |
٤٠٦١ |
ونحن شددنا |
لا تكفكف |
٥٧٣٢ |
إذا استقبلته |
حالف |
٧٠٠٧ |
بخوصٍ من |
الأصالف |
٣٧٩٦ |
فجال ولم |
مؤَالَف |
٤٧٠١ |
نحن بما عندنا |
مختلف |
٢٥٢٧ |
وعضَّ زمان |
مجلَّفُ |
١١٤٩ ، ٣٠٠٩ |
وأحلف ما خُنّا |
يحلف |
١٥٥٥ |
والفارسيةُ فيكمْ |
سلفُ |
٣٩٦٥ |
منها ثلاث |
ومُسلفُ |
٣١٥٩ |
ويَوْمَ رَكَّبِي |
نُسَلِّفُ |
٨٩٧ |
وكل شيءٍ |
طَلَف |
٤١٣٧ |
إلى الروم |
الغُلفِ |
٣٢٢٥ ، ٤٩٩٣ |
أزهير هل |
متكلِّف |
٣٧١٦ |
لنا حومةٌ |
المتكلفُ |
٦٠٩ ، ٤٢٩٦ ، ٥٨٩١ |
وإنك إذ |
المكلَّف |
٤٧٩٨ |
أتانا به الفسقاسُ |
نفانِف |
٥٣٢٦ |
إذا هُنَّ فضَّلن |
بالتهانُفِ |
٢٦٤١ |
وجمع من القين |
مُسنفُ |
٣٢٣٢ ، ٥٦٨٨ |
لنا سابقات |
نُعَنَّفُ |
٤٧٩٨ |
لنا سابقات |
ما لا يُعنِّف |
٦٣٦٣ |