مطلع البيت |
القافية |
الصفحة |
إلى الشِّحرِ |
تُرْهَفُ |
٢٦٦١ |
وما بين أجبال |
تتخوف |
١٩٥٩ |
ومَدْيَنَ حُطْناها |
المتَخَوِّفُ |
٧٨٨ |
الحبُّ حلو |
مدوف |
٣٠٥٢ |
قاعداً حوله |
مَجْذُوفِ |
١٠٣٤ |
قاعداً حوله |
محذوف |
١٣٧٣ |
قاعداً عنده |
محذوف |
٢٨٥٨ |
وذبيانيةٍ أوصتُ |
والقروفُ |
٥٤٢٠ |
وبالطوف نالا |
والطَّوف |
٣٢٢٥ |
أنَّى ألَّم |
وشُغُوفُ |
٢٢٧٨ |
للبس عباءة |
الشفوف |
٣٣١٨ ، ٤٣٣٢ |
ولُبس عباءة |
الشفوف |
٧٣٢٢ |
وراكبُ المقدارِ |
خلوفُ |
٢٤٧٣ |
تمنى ينوفاً |
وسيوفُ |
٧٣٨٣ |
فإن لا يكن |
خائف |
٦٣٩٣ ، ٦٨٣٤ |
أيا طائر |
عائفُ |
٣٦٣٢ |
فإنَّ لها جارينِ |
الخلائفِ |
٢٣٤٨ |
وحُطَّتْ كما |
الطوائفُ |
٧٣٢٨ |
لم يغذها |
تعجيف |
٤٤٠٠ |
كأنَّ أوب |
مزاحيف |
٤٨٦٠ |
وأمُّك حينَ |
سخيف |
٣٠٢٠ |
ناهبتهم بنيطلٍ |
الرَّيفِ |
٦٦٤٦ |
تنفي يداها |
الصياريف |
٢٠٧٥ |
وأشعثُ من بني |
الشريف |
٦٥١٩ |
لكن غذاها |
والصريفْ |
٣٧٢١ |
لم يغذها |
والصَّريفُ |
٦٦١٨ |
يزخر في أقطارِه |
والغريفُ |
٣٥٧٦ ، ٤٩٣١ |
وشمطاءَ من رهطِ |
وتَعْسُيفُ |
٣٩٢٤ |