ان العراق وكان
في |
|
زمن من الازمان
بحرا |
حكم الوراثة
موجب |
|
في طبعه مدا
وجزرا |
متقلب كرياحه |
|
ما بين آونة
وأخرى |
وقوله :
ليت السما تقوى
فتنقذني |
|
حتى افوز بمدفن
عطر |
فتراب هذي الارض
قاطبة |
|
قد دنسته جرائم
البشر |
ومن روائعه قصيدته في تأبين محمد جعفر ابو التمن.
تحولت بعدك
الارياف والمدن |
|
مآتما والمعزى
فيهما الوطن |
لو أن للموت عقل
لافتداك بمن |
|
أعمالهم دفنتهم
قبلما دفنوا |
ورائعته في فيصل الاول وأولها :
نعوا للعروبة
عنوانها |
|
ومن عين هاشم
انسانها |
وأخرى عنوانها ( في السينما ) أولها :
خلطاء من كل فج
حضور |
|
وصفوف كما تصف
السطور |
فكأني بهم قصيدة
شعر |
|
راق فيها
التجنيس والتشطير |
ومن روائعه ونوادره قوله :
في سغبي موتي
فهل بعده |
|
عندك ما يرهب أو
يفزع |
وانما يخشى على
نفسه |
|
عواقب الاحداث
من يشبع |
وقال :
ومن الذل أن
تعيش بدار |
|
كل يوم منها على
الحر عام |
عبث حبك البقاء
طويلا |
|
ان تعش مثلما
تعيش السوام |