افتاد روى خاک و ندا زد که يا اخا |
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دريابم از وفا و بيارى برار دست |
شاها بيا که جان کنم ايثار مقدمت |
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آنسان که در ره نمودم نثار دست |
سلطان دين چه نالهٔ دلسوز او شنيد |
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تعجيل کرد که ببالين او رسيد |
مباراة الشعر بالعربيّة وتقريب روح النصّ الفارسي :
أيا أباً للفضل يا والد |
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بوركت أنت الجيش والقائد |
من جودك البحر بلا ساحل |
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يجري فراتاً موجه الصاعد |
كم ارتوت من عذبه أُمّة |
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لا ناقص عنها ولا نافد |
ملكت نهر العلقمي ظامياً |
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لا شارب منه ولا وارد |
وعُدت في قلبك حرّ الظما |
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كالنار إذ يوقدها الواقد |
همّته تظهر في صبره |
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على الظما لم يغره البارد |
في متنه الجود وفي كفّه |
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يردي الأعادي سيفه الحاصد |
كأنّه السحاب عشّاهم |
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والسيف فيه البارق الراعد |
جاؤوا إلى الشاطئ يحمونه |
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أنّي وعبّاس هو القاصد |
أنّى يخيف الأسد في غيلها |
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كلب عوى أو ثعلب حاقد |
أمّهم سيف أبي فاضل |
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فليس إلّا الراكع الساجد |
سالوا دماً من حرّ صمصامه |
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كما يدق الحجر الجامد |
وانكفئوا لمّا رأوا سيفه |
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وطار رعباً منهم المارد |
ما كان محتاجاً إلى سيفه |
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ينوب عنه النظر الحارد |