جودى
بابا بيا که تيغ جفا ساخت کار من |
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برگى نچيده گشت خزان نوبهار من |
قاتل مرا زخنجر کين پاره پاره کرد |
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رحمى نکرد بر مژهٴ اشکبار من |
تا بر تنم بود رونقى در سرم بيا |
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بنگر بوقت مرگ بر احوال زار من |
از تيغ ظلم رشتهٴ عمرم ز هم گسيخت |
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ليلا بگو دگر نکشد انتظار من |
مباراة الشعر بالعربيّة أو تقريب معناه :
هلمّ أبي فالسيف شقّ مفارقي |
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وعصف خريف العمر جرّد أغصاني |
وقطّعني الباغي بصارم حقده |
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وما لان من دمعي عليكم بأجفاني |
هلمّ أبي واسرع لموضع مصرعي |
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وبي رمقٌ أخشى بأن لست تلقاني |
قضى عمري بالسيف من ضرب ظالم |
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أبي قل لليلى بعدها لا ترجّاني |
قال الشيخ علي ابن شيخ العراقين
چه رفت از دست عشق شاه دلبند |
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روان شد از پى گمگشته فرزند |
صف دشمن دريدى از چپ و راست |
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نواى الحذر از نينوا خاست |
عقابى ديد ناگه پر شکسته |
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على افتاده زين از هم گسسته |
برخسارش نقاب از خون کشيده |
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به جانان بسته جان از خود بريده |
شده شقّ القمر سر تا جبينش |
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بخون آغشته زلف عنبرينش |
ز ضرب نيزه و تير و سنانش |
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شده جسمش مقطّع جان فدايش |
فرود آمد ز زين آن با جلالت |
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چه پيغمبر ز معراج رسالت |
نهادى بر سر زانو سرش را |
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همى بوئيد خونين پيكرش را |
برآورد از دل تفتيده آهى |
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که سوزانيد از مه تا بماهى |
مباراة الشعر بالعربيّة أو تقريب معناه :
ولمّا هوى قلب الحسين بكربلا |
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وقد نال منه السيف عاد بلا قلب |